दशहरे पर रावण के साथ प्रदूषण का भी होगा अंत, LED स्क्रीन पर होगा 3D पुतला दहन
लाल किले की रामलीला में रावण दहन के लिए पटाखों की जगह 3-डी तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है. यहां पुतले बराबर ऊंचाई की LED स्क्रीन लगाई गई है. इस स्क्रीन को रावण के पुतले के साथ sync किया गया है.
हर साल रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतलों में 20,000 पटाखे लगाए जाते थे, लेकिन इस बार पुतलों में एक भी पटाखे का इस्तेमाल नहीं किया गया है.
हर साल रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतलों में 20,000 पटाखे लगाए जाते थे, लेकिन इस बार पुतलों में एक भी पटाखे का इस्तेमाल नहीं किया गया है.
आज दशहरा (Dussehra) का पर्व पूरे देश में धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है. लोग बुराई के प्रतीक रावण (Ravana's effigy) के पुतले का दहन कर बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मना रहे हैं. तमाम जगह रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के ऊंचे-ऊंचे पुतले तैयार किए गए हैं. पुतलों पटाखे (firecrackers) भरकर उनका दहन किया जा रहा है. दशहरे वाले दिन आतिशबाजी और पुतला दहन से बड़ी मात्रा में प्रदूषण (pollution) होता है. हालांकि इस बार लोग आबोहवा को लेकर जागरुक दिखाई दे रहे हैं और पुतलों में ग्रीन पटाखों का इस्तेमाल किया जा रहा है.
दिल्ली में तो एक नया प्रयोग देखने को मिला है. यहां रावण दहन के लिए पटाखों की जगह 3-डी तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है. यहां रावण के पुतले बराबर ऊंचाई की LED स्क्रीन लगाई गई है. इस स्क्रीन को रावण के पुतले के साथ sync किया गया है. जैसे ही पुतले में आग लगाई जाएगी उसी वक़्त स्क्रीन में भी बारी-बारी से रावण, कुंभकरण और मेघनाद का 3D animation भी जल उठेगा. स्क्रीन से ही तेज पटाखों की आवाज उठेगी.
3D animation का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि पुतलों में पटाखे नहीं लगाने होंगे. जब पटाखे नहीं लगेंगे तो वायु और ध्वनि प्रदूषण नहीं होगा.
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#Ravan दहन का 3D अवतार ! रावण दहन में पटाखों का इस्तेमाल नहीं#Dussehra2019 pic.twitter.com/BJr3dConWI
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दिल्ली के लाल किला मैदान (Red Fort's Ramlila) पर होने वाली लव-कुश रामलीला (Lav Kush Ramlila) में यह अनूठा प्रयोग किया गया है. हर बार 100 फुट तक रहने वाली रावण की ऊंचाई को भी घटा कर 60 फुट कर दिया गया है. रामलीला कमेटी का कहना है कि अगले साल से रावण दहन में लेज़र लाइट का इस्तेमाल किया जाएगा.
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लव-कुश रामलीला कमेटी के मंत्री अर्जुन कुमार ने बताया कि हर साल रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतलों में 20,000 पटाखे लगाए जाते थे, लेकिन इस बार केवल ग्रीन 4,000 पटाखे खरीदे गए थे, लेकिन अब उन्होंने ग्रीन पटाखों को भी इस्तेमाल नहीं करने का फैसला किया है.
(रिपोर्ट- अश्विनी कुमार गुप्ता/ नई दिल्ली)
01:38 PM IST